नमस्ते, जुदाई में कोई भी कही पर भी मन नहीं लगता। उसी समय में हम पूरी तरह दिल से टूट जाते है, तब हम स्टेटस रखकर अपनी मन की बात शेयर कर सकते है। हम लेकर आये है judai shayari, जबरदस्त बेवफाई शायरी, judai shayri, छोड़कर जाने वाली शायरी,judai shayari in hindi, judai sad shayari, dard bhari judai shayari, judai ki shayari ये शेयर कीजिये।
Judai Shayari
बहुत उदास है कोई तेरे जाने से, हो सके तो लौट आ किसी बहाने से, तु लाख खफा सही, मगर एक बार तो देख, कोई टूट गया है तेरे रूठ जाने से…
जब कुछ सपने अधुरे रह जाते है, तब दिल के दर्द आँसु बन के बह जाते है, जो कहते है की हम सिर्फ आप के है, पता नही वही क्यों अलविदा कह के चले जाते है…
वो मुझसे बिछड़ कर खुश है तो उसे खुश रहने दे..!! ऐ खुदा, मुझसे मिल कर उसका उदास होना मुझे अच्छा नहीं लगता…!!
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम, गलती हमसे हुई क्योकि इंसान थे हम, आज जिन्हे हमसे नजरे मिलाने में तकलीफ होती है, कभी उसी शख्स की जान थे हम…
जिसकी आरजु थी उसका ही प्यार ना मिला, बरसो जिसका इंतजार किया उसका ही साथ ना मिला, अजीब खेल है ये मोहब्बत का, किसीको हम ना मिले और कोई हमे ना मिला…
समझा दो अपनी यादो को, वो बीन बुलाये पास आया करती है, आप तो दूर रहकर सताते हो मगर, वो पास आकर रुलाया करती है…
एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की, मैने पल पल कोशिश की उसके पास जाने की, किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की, दूर हुए इतना जितनी उम्मीद थी करीब आने की…
दूर जाकर भी हम दूर जा ना सकेंगे, कितना रोयेंगे बता ना सकेंगे, गम इसका नही की आप मिल ना सकोगे, दर्द इस बात का होगा की हम आपको भुला ना सकेंगे…
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जबरदस्त बेवफाई शायरी
बडे अजीब है यह जिंदगी के रास्ते, अनजाने मोड पर कुछ लोग प्यारे बन जाते है, मिलने की खुशी दे या ना दे, बिछडने का गम ज़रूर दे जाते है…
हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ, हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ, सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें, अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ…
मै इस काबील तो नही की कोई मुझे अपना समझे, मगर इतना यकीन है, कोई अफसोस जरूर करेगा
मुझे खो देने के बाद…
हर कोई किसी की मजबूरी नही समझता, दिल से दिल की दुरी नही समझता, कोई तो किसी के बिना मर मर के जीता है, और कोई किसी को याद करना भी जरूरी नही समझता…
क्या कहे बिन तेरे ये जिंदगी है कैसी, दिल को जलाती ये बेबसी है कैसी, ना कह पाते है ना सह पाते है, ना जाने तकदीर मे लिखी ये आशिकी है कैसी…
पलकों मे कैद कुछ सपने है, कुछ अपने है और कुछ बेगाने, ना जाने क्या कशिश है इन खयालों मे, कुछ लोग दूर होकर भी कितने पास है…
हर सागर के दो किनारे होते है, कुछ लोग जान से भी प्यारे होते है, ये ज़रूरी नहीं हर कोई पास हो, क्योंकी जिंदगी में यादों के भी सहारे होते है…
खुदा अपनी खुदाई हर लम्हा दिखाता है, तुम प्यार करो इसलिए दिल बनाता है, प्यार की गहराइयों मे कहा तक डूबे हो ये देखने के लिए जुदा करके आजमाता है…
Judai shayri
यादों का यह कारवा हमेशा रहेगा, दूर होते हुए भी प्यार वही रहेगा, माफ करना मिल नही सकेंगे आपसे, यकीन रखना इन आँखों मे इंतजार वही रहेगा…
याद करके आपको जीता है कोई, साँसों मे आपको महसूस करता है कोई, मौत तो आनी है एक दिन, पर आपसे दूर रहकर हर पल मरता है कोई…
आँसुओं की बुँदे है या आँखों की नमी है, ना ऊपर आसमान है या निचे जमीन है, यह कैसा मोड है जिंदगी का, उसी की जरूरत है और उसी की कमी है…
याद मे तेरी आँखे भरता है कोई, हर साँस के साथ तुझे याद करता है कोई, मौत तो ऎसी चीज है जिसको आना ही है, लेकीन तेरी जुदाई मे हर रोज मरता है कोई…
ले गए हो दूर कुछ पल के लिए, दूर रहकर भी करीब हो हर पल के लिए, कैसे याद ना आए आपकी हर पल के लिए, जब दिल मे हो आप हर पल के लिए…
से जुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं; दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं, मैं भी नहीं; गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां; वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं था, मैं भी नहीं।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी, कि तुझे अलविदा भी ना कह सका; तेरी सादगी में इतना फरेब था, कि तुझे बेवफा भी ना कहा सका।
भूल जाने का हौसला ना हुआ; दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ; उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते; कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ।
Judai shayari in hindi
ज़ुबान खामोश आँखों में नमी होगी; ये बस एक दास्तां-ए ज़िंदगी होगी; भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा; कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।
जुदाई का सबब कुछ भी मगर; हम उसे अपनी खता कहते हैं; वो तो साँसों में बसी है मेरे; जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं।
आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर; ना रंग ना रौशनी है तेरे बगैर; वक़्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है; बस धड़कन थम सी गयी है तेरे बगैर।
की धड़कन को, एक लम्हा सबर नहीं; शायद उसको अब मेरी ज़रा भी कदर नहीं; हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो; अब सफर तो है मगर वो हमसफ़र नहीं।
कुछ बिखरे सपने और आँखों में नमी है; एक छोटा सा आसमान और उमीदों की ज़मीं है; यूँ तो बहुत कुछ है ज़िंदगी में; बस जिसे चाहते हैं उसी की कमी है।
तुझसे दूर अब हम जा नहीं सकते; तुझसे प्यार कितना है यह हम बता नहीं सकते; हमें मालूम है ये ज़िन्दगी है चार दिन की लेकिन; तेरे बिन ये चार दिन तो क्या दो पल भी हम बिता नहीं सकते।
अगर जिंदगी में जुदाई न होती; तो कभी किसी की याद न आई होती; अगर साथ गुजरा होता, हर लम्हा; तो शायद रिश्तों में इतनी, गहराई न होती।
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया; कट गयी उम्र पर हमें प्यार करना नहीं आया; उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई; और हमें भी इंकार करना नहीं आया।
Judai sad shayari
हम तेरे दिल में रहेंगे एक याद बनकर; तेरे लब पे खिलेंगे मुस्कान बनकर; कभी हमें अपने से जुदा न समझना; हम तेरे चलेंगे आसमान बनकर।
ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना; मेरे भरोसे को रुस्वा न करना; दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना; मेरे दिल में रह कर बेवफाई न करना।
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर; हम उसे अपनी खता कहते हैं; वो तो साँसों में बसी है मेरे; जाने क्यों लोग उसे मुझे जुदा कहते हैं।
तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली; वफ़ा करते भी देखो बुराई मिली; जितनी दुआ की तुम्हें पाने की; उस से ज्यादा तेरी जुदाई मिली।
तू है मुझमें शामिल इस तरह; तेरा तसव्वर ज़िक्र भी करूँ किस तरह; चाहे दूर सही लेकिन तू है इस दुनिया में; तेरी उम्मीद रहते हुए मैं मरुँ किस तरह।
हमें तो अपना दिल लगता अवारा है; जो चाहे चला जाए हमें ठुकरा के; रह लेंगे हम तो बस यूँ ही तन्हा; बस एक आपके जाने से रह जाएंगे हम तड़प के।
मेरी चाहत में कोई खोट तो नहीं शामिल; फिर क्यों वो बार-बार आज़माए मुझे; दिल उसकी याद से एक पल भी नहीं जुदा; फिर कैसे मुमकिन है वो भूल जाए मुझे।
Dard bhari judai shayari
मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं; ये वो रिश्ता है जिस में सब कामयाब नहीं; जिन्हें साथ मिला उन्हें उँगलियों पर गिन लो; जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं।
तुझे पाने की आरज़ू में तुझे गंवाता रहा हूँ; रुस्वा तेरे प्यार में होता रहा हूँ; मुझसे ना पूछ तू मेरे दिल का हाल; तेरी जुदाई में रोज़ रोता रहा हूँ।
वो मिल जाते हैं कहानी बनकर; दिल में बस जाते हैं निशानी बनकर; जिन्हें हम रखते हैं आँखों में; जाने वो क्यों निकल जाते हैं पानी बनकर।
कौन कहता है कि हमारी जुदाई होगी; ये अफवाह किसी दुश्मन ने फैलाई होंगी; शान से रहेंगे आपके दिल में; इतने दिनों में कुछ तो जगह बनाई होगी।
प्यार करने वालों की किस्मत बुरी होती है; मुलाक़ात जुदाई से जुड़ी होती है; वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ना; हर प्यार करने वालों की कहानी अधूरी होती है।
जुबान खामोश आँखों में नमी होगी; ये बस दास्ताँ-ए-ज़िंदगी होगी; भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएंगेः; कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।
कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर; छोड़ गए वो हमको अकेला, मज़बूरियों के नाम पर।
तन्हाई जब मुक़द्दर में लिखी है; तो क्या शिकायत अपनों और बेगानों से; हम मिट गए जिनकी चाहत में; वो बाज ना आए हमे आज़माने से।
Judai ki shayari
ये प्यार की बातें किताबों में ही अच्छी लगती हैं; तन्हाई भरी महफ़िल दर्दे दिल से ही सजती है; तुम तो कर गए एक पल में पराया; तेरी यादें ही हैं जो हमें अपनी लगती हैं।
गज़ल में गीत में दोहे में और रुबाई में, कहां कहां नही ढूंढा तुझे जुदाई में ।।
क़हर है तेरी जुदाई… पर अपना दिल भी अब पत्थर हो चला है..
ना मेरी नीयत बुरी थी, ना उसमे कोई बुराई थी सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी
मिलन मुमकिन ही नहीं है तो ना कर जुदाई का ग़म.. ज़िंदगी जी ले ‘यार’.. दूर से ही सही, दोस्ती का ये बंधन यादों से ही निभा लेंगे ‘तुम हम
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया; कट गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया; उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई; और हमें इंकार करना नहीं आया।
जिंदगी में मोहब्बत की जुदाई होती है कभी कभी प्यार में बेवफाई होती है हमारी तरफ हाथ बढ़ा के तो देखो दोस्ती में कितनी सच्चाई होती है
काश यह जालिम जुदाई न होती! ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न हम उनसे मिलते न प्यार होता! ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती..!
मोहब्बत रब से हो तो सुकून देती हैं .. न खतरा हो जुदाई का न डर हो बेवफाई का
दिल लेकर मेरा अब जान मांगते है। कैसा संगदिल है सनम मेरा, प्यार सीखा कर वो जुदाई मांगते है।
जुदाई हल नही है मसलों का.. तुम समझते क्यूँ नही बात मेरी..
Dard e judai shayari in hindi
किस्मत पर एतबार किसको है मिल जाये खुशी का इंकार किसको है कुछ मजबूरियां है मेरे दोस्त वरना जुदाई से प्यार किसको है
लाएँगे कहाँ से हम, जुदाई का हौसला , क्यों इस क़दर मेरे करीब आ रहें हैं आप …
तेरी चाहत में , तेरी मुहब्बत में ,तेरी जुदाई में … कोई रोज़ टूटता है पर आवाज नहीं करता…!
हर मुलाकात पर वक्तका तकाज़ा हुआ हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
उन्हें अपनी मोहब्बत पे हे गुरुर तो हमे भी तो अपनी मोहब्बत पे हे नाज जुदाई में भी कभी बदलेगा नही हमारी चाहत का अंदाज
अब अगर मेल नही है तो जुदाई भी नही, बात तोड़ी भी नही तुमने बनाई भी नही
इक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है जिन को न सह सके ये दिल,ऐसे तो गम नहीं मिले
“अंगड़ाई पे अँगड़ाई लेती है रात जुदाई की.. तुम क्या जानो,तुम क्या समझो. बात मेरी तन्हाई की”
कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है, जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है!
ज़िंदगी मे किसी से जुदाई का ज़िक्र मत करना… इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना……
Shayari judai
हर मुलाकात का .. अंजाम , जुदाई .. क्यों है – अब तो हर वक्त .. यही बात , सताती है .. हमें
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
हम आशिक जुदाई के गिरने भी नहीँ देते बेचैन सी पलकोँ पर मोती से पीरोते हैँ
तेरी तस्वीर को सीने से लगा लेती हूँ.. इस तरह जुदाई का गम मटा लेती हूँ..!
दोस्तो की जुदाई का गम ना करना, दुर रहो तो भी दोस्ती कम ना करना, अगर मिले जिँन्दगी के किसी मोड पर हम, तो हमे देख कर अपनी आँखे बन्द ना करना।
तू क्या जाने क्या है तन्हाई„ इस टूटे दिल से पूछ क्या है जुदाई… बेवफाई का इल्ज़ाम न दे ज़ालिम„ इस वक़्त से पूछ किस वक़्त तेरी याद ना आई…!!!
जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले, इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं…।।
प्यार करना हमें भी पसंद है पर जुदाई पसंद नहीं। जुदाई तो सह भी लेता पर बेवफाई पसंद नहीं।
जुदाई की ये गर्म रातें अब हमें नहीं सुहाती कभी यूं भी हो कि सर्द रात हो और हम फिर करीब हो!
हम ने माँगा था साथ उनका,वो जुदाई का गम दे गए, हम यादो के सहारे जी लेते,वो भुल जाने की कसम दे गए!
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से ख़फ़ा है, तो ज़माने के लिए आ..
Dard e judai shayari
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे; छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं ….
मुझसे अलविदा कहते हुए, मैंने जब उससे पूछा , के कोई निशानी दे दो…!! • • वो मुस्कुराते हुए बोली …, जुदाई ही काफी है … !!
तेरा तो है हिसाब बरसों का मैं तो लम्हों में रोज़ जीता हूँ हिज्र में है ये ज़िन्दगी गुज़री ग़म जुदाई का रोज़ पीता.
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ। यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता हैं।
कितनी सुधर गई है जुदाई में जिंदगी वो बेवफाई करके मुझ पर अहसान कर गया..!!
जिंदगी मोहताज नहीं मंज़िलों की वक्त हर मंजिल दिखा देता है; मरता नहीं कोई किसी की जुदाई में वक्त सबको जीना सिखा देता है।
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